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फाख्ता के हौसले जब से उकाबी हो गए। और फिर तेवर हवा

फाख्ता के हौसले जब से उकाबी हो गए।
और फिर तेवर हवा के इंकलाबी हो गए।।

हां जो तुमने एक दवा बतलाई थी गम के लिए।
वो तो जूं का तूं रहा पर हम शराबी हो गए।।

©अबू ओसामा अंसारी
  वो तो जूं का तूं रहा पर हम शराबी हो गए

वो तो जूं का तूं रहा पर हम शराबी हो गए #शायरी

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