अब न तेरे सिसकियों पे कोई रोने आएगा गम न कर जो आएगा फिर कभी न जाएगा याद रख पर कोई अनहोनी तू न लाएगी लाएगी तो फिर कहानी और कुछ हो जाएगी होनी और अनहोनी की परवाह किसे है मेरी जान हद से ज्यादा ये ही होगा यहीं मर जाएंगे हम मौत को सपना बता कर उठ खड़े होंगे यहीं और होनी को ठेंगा दिखा कर खिलखिलाते जाएंगे एक बगल में चांद होगा , एक बगल में रोटियां एक बगल में नींद होगी , एक बगल में लोरियां हम चांद पर रोटी की चादर डाल कर सो जाएंगे और नींद से कह दो लोरी कल सुनाने आएंगे रचनाकार - पियूष मिश्रा ©trilokibhogta एक बगल में चांद होगा #MereKhayaal #poem #poetryforlife #nojotohindi #kavita #trilokibhogta