वो होके खूबसूरत हमेशा मनमानी को तरसते हैं। और हम दरिया मे रहकर भी पानी को तरसते हैं। जब भी वो मयखानो से गुजरते है शवाब लेकर। फिर तो टूटे हुये पैमाने भी जवानी को तरसते हैं। उनकी अदाओ के शोर से सारा शहर वाकि़फ है। उन्हे देख जलते परवाने जिंदगानी को तरसते हैं। उनकी खूबसूरत आंखो मे लहराती हुई झीले हैं। पर यहां पानी के झोकें भी रवानी को तरसते हैं। लैला और मजनू के किस्से बहुत सुने दुनिया ने। आज वो तेरी मुहब्बत की कहानी को तरसते हैं। SHADAB AHMAD #nojoto #event #shayri #love #quotes #stories #poem #hindi