न हृदय व्यथित है,न कहीं करुण का व्याप्त है, फिर भी ना जाने क्यों यह मन उदास है, प्यार बनकर उम्र भर जीवन में तेरे बहता रहा, आज फिर निशब्द हूं ,न जाने कैसी प्यास है। रातें ढल चुकी हैं ,सुबह श्वेत सी प्रकाश है, फिर भी ना जाने क्यों मन उदास है।।। #Life_A_Blank_Page