Nojoto: Largest Storytelling Platform

माहोल  नयनात घोर चिंता हृदयात आस नाही, आली जरी दि

माहोल 

नयनात घोर चिंता हृदयात आस नाही,
आली जरी दिवाळी, माहोल खास नाही! 
------------------------------------------
दिसतात बघ फुले ती चित्तास वेधणारी,
नकलीच शेवटी ती, कसलाच वास नाही! 
------------------------------------------
आहे प्रवाह जैसा पोहून पार हो ना,
साधेपणात येथे, होणार त्रास नाही! 
------------------------------------------
खातात साखरेचे खावोत ते भलेही,
द्यावे भुक्यास थोडे, कोणास ध्यास नाही!
------------------------------------------
दिनरात राबल्यावर हातात पीक आले,
मालास भाव नाही, पोटात घास नाही! 
-----------------------------------------
चालू असेच आहे चालेल या पुढेही,
उजळेल भाग्य ऐसा, येणार मास नाही! 
-----------------------------------------
लिहतोय आज सारे पाहून मी हताशा,
येतील दिन सुखाचे, जर तू उदास नाही! 
-------------------------------------------
जयराम धोंगडे, नांदेड
***

©Jairam Dhongade #Diwali
माहोल 

नयनात घोर चिंता हृदयात आस नाही,
आली जरी दिवाळी, माहोल खास नाही! 
------------------------------------------
दिसतात बघ फुले ती चित्तास वेधणारी,
नकलीच शेवटी ती, कसलाच वास नाही! 
------------------------------------------
आहे प्रवाह जैसा पोहून पार हो ना,
साधेपणात येथे, होणार त्रास नाही! 
------------------------------------------
खातात साखरेचे खावोत ते भलेही,
द्यावे भुक्यास थोडे, कोणास ध्यास नाही!
------------------------------------------
दिनरात राबल्यावर हातात पीक आले,
मालास भाव नाही, पोटात घास नाही! 
-----------------------------------------
चालू असेच आहे चालेल या पुढेही,
उजळेल भाग्य ऐसा, येणार मास नाही! 
-----------------------------------------
लिहतोय आज सारे पाहून मी हताशा,
येतील दिन सुखाचे, जर तू उदास नाही! 
-------------------------------------------
जयराम धोंगडे, नांदेड
***

©Jairam Dhongade #Diwali