के ना जाने कितने रूप है। कभी दुर्गा तो कभी काली के रूप है। कभी ममता की वो, मूरत प्यारी है। कभी घर की लक्ष्मी , कभी घर की वो रक्षक है, दो घरों को जोड़ने वाली ,वो एक कड़ी है। एक औरत उस कुदरत की, बड़ी ही कमाल की रचना है। एक औरत सबकी जररूत है। एक औरत कही पूजनीय है। तो एक औरत कही हैवानों की शिकार है।। आप सभी को अंतरराष्ट्रीय #महिलादिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #ankitaguptadairy