जो दीवाना है उसको..बताना नहीं। पास आकर ही बस मुस्कुराना नहीं। ऐ परेशानियों...! तेरा मेरे सिवा, क्या कहीं और कोई ठिकाना नहीं। गम के हालात तो सब्र की सीख हैं। अब तजुर्बा कोई भी पुराना नहीं। आप क्यों है चकित.. क्या लिखा है कहीं? मुश्किलों में कभी मुस्कुराना नहीं। दर्द में गर्द खुशियां हुई तो हुईं। अब मोहब्बत में कीमत चुकाना नहीं। ## श्रुतिमान शुक्ल 'प्रबल' 📱8299431888 ©Shrutiman Shukla Prabal पढ़ कर देखे ये गजल मेरी