White नींद आंखों में खटक रही है रोटियां गले में अटक रही है खामोशी अब चुभ रही है सब्र अब बेबसी में बदल गई है मुसीबत अब दिल को मोम से संग कर रही है ख्वाहिशें अब दम तोड़ रही है खुशी किसकी मुन्तजिर रही है लोरियां सो गई है आँखें अब भी जग रही है ©Ahmad Raza #नींद