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क्या दू में अपने गुलाब को जो खुद ही मासूम कली जैस

क्या दू में अपने गुलाब को 
जो खुद ही मासूम कली जैसा है
क्या दू अपने मन के मीत को 
जो मेरे मन में पल पल रहता है
दिल के हर कोने को जो 
मेरे हर जज्बात में आके
 अपने ख्यालों से महकाती हैं
मेरी दिल की धड़कन को 
गुलाबो से भरी ये सुबह और शाम मुबारक हो

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #HappyRoseDay क्या दू में अपने गुलाब को 
जो खुद ही मासूम कली जैसा है
क्या दू अपने मन के मीत को 
जो मेरे मन में पल पल रहता है
दिल के हर कोने को जो 
मेरे हर जज्बात में आके
 अपने ख्यालों से महकाती हैं
मेरी दिल की धड़कन को

#HappyRoseDay क्या दू में अपने गुलाब को जो खुद ही मासूम कली जैसा है क्या दू अपने मन के मीत को जो मेरे मन में पल पल रहता है दिल के हर कोने को जो मेरे हर जज्बात में आके अपने ख्यालों से महकाती हैं मेरी दिल की धड़कन को #ValentineDay

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