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poetkuldeepsingh7703
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Poet Kuldeep Singh Ruhela

युवा साहित्यकार kd motivation kd ki dayri

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

Unsplash बड़ी दास्तां लिखने बैठे थे अपने इश्क की 
आज किताब खोली तो तेरी याद आ गई 
लिखा करते थे जिनको हम ख्वाबों में 
आज वो पुरानी किताब हमे नजर आ गई

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Book बड़ी दास्तां लिखने बैठे थे अपने इश्क की 
आज किताब खोली तो तेरी याद आ गई 
लिखा करते थे जिनको हम ख्वाबों में 
आज वो पुरानी किताब हमे नजर आ गई

#Book बड़ी दास्तां लिखने बैठे थे अपने इश्क की आज किताब खोली तो तेरी याद आ गई लिखा करते थे जिनको हम ख्वाबों में आज वो पुरानी किताब हमे नजर आ गई #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

Unsplash ओढ़कर चादर कोहरे की
 देखो जनवरी आ गई 
प्यार के उमंगों को जवान बनाने 
की देखो आज घड़ी आ गई

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #snow ओढ़कर चादर कोहरे की
 देखो जनवरी आ गई 
प्यार के उमंगों को जवान बनाने 
की देखो आज घड़ी आ गई

#snow ओढ़कर चादर कोहरे की देखो जनवरी आ गई प्यार के उमंगों को जवान बनाने की देखो आज घड़ी आ गई #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

Unsplash ये पत्ते भी न क्यों 
किताब लिए बैठे हैं
लगता है ये भी कोई 
सबक याद किए बैठे हैं 
 कोरे पन्नो पर लिखना चाहते है 
ये भी कुछ सबक शायद
लगता हैं ये भी कुछ 
बोझ दिल में लिए बैठे हैं

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #leafbook ये पत्ते भी न क्यों 
किताब लिए बैठे हैं
लगता है ये भी कोई 
सबक याद किए बैठे हैं 
 कोरे पन्नो पर लिखना चाहते है 
ये भी कुछ सबक शायद
लगता हैं ये भी कुछ 
बोझ दिल में लिए बैठे हैं

#leafbook ये पत्ते भी न क्यों किताब लिए बैठे हैं लगता है ये भी कोई सबक याद किए बैठे हैं कोरे पन्नो पर लिखना चाहते है ये भी कुछ सबक शायद लगता हैं ये भी कुछ बोझ दिल में लिए बैठे हैं #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

a-person-standing-on-a-beach-at-sunset बड़ी खामोशी से ये बात समंदर कहता है 
में शांत हूं लेकिन मन अशांत रहता है 
पल पल निर्झर होके ये किनारे मुझे कहते है 
क्यू अविरल धारा में तू निश्चल बहता है

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #SunSet बड़ी खामोशी से ये बात समंदर कहता है 
में शांत हूं लेकिन मन अशांत रहता है 
पल पल निर्झर होके ये किनारे मुझे कहते है 
क्यू अविरल धारा में तू निश्चल बहता है

#SunSet बड़ी खामोशी से ये बात समंदर कहता है में शांत हूं लेकिन मन अशांत रहता है पल पल निर्झर होके ये किनारे मुझे कहते है क्यू अविरल धारा में तू निश्चल बहता है #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

green-leaves छोड़ रहे हैं हम अपने लिखने का हुनर यारो 
अब से जीवन को जीना सीख लेंगे हम
धीरे धीरे शब्दों से दूरी बढ़ा ली है हमने 
अब पूरी दुनिया से दूर हो जाएंगे हम !


कुलदीप सिंह रुहेला

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #GreenLeaves छोड़ रहे हैं हम अपने लिखने का हुनर यारो 
अब से जीवन को जीना सीख लेंगे हम
धीरे धीरे शब्दों से दूरी बढ़ा ली है हमने 
अब पूरी दुनिया से दूर हो जाएंगे हम !


कुलदीप सिंह रुहेला

#GreenLeaves छोड़ रहे हैं हम अपने लिखने का हुनर यारो अब से जीवन को जीना सीख लेंगे हम धीरे धीरे शब्दों से दूरी बढ़ा ली है हमने अब पूरी दुनिया से दूर हो जाएंगे हम ! कुलदीप सिंह रुहेला #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

Unsplash में मुर्शद तू मुर्शद 
ये सारा जहां मुर्शद हो गया
प्यार के तराने लिखता लिखता
 में तो खुद बेगाना हो गया

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #traveling में मुर्शद तू मुर्शद 
ये सारा जहां मुर्शद हो गया
प्यार के तराने लिखता लिखता
 में तो खुद बेगाना हो गया

#traveling में मुर्शद तू मुर्शद ये सारा जहां मुर्शद हो गया प्यार के तराने लिखता लिखता में तो खुद बेगाना हो गया #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

Unsplash कभी कभी देखे हुए सपने भी टूट जाते है 
और हम सिर्फ दोराहे पर खड़े रह जाते है
माना मुमकिन नहीं है अब लौट कर आना 
बस यही आश में अपनो से दूर हुए बैठे है

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #leafbook कभी कभी देखे हुए सपने भी टूट जाते है 
और हम सिर्फ दोराहे पर खड़े रह जाते है

#leafbook कभी कभी देखे हुए सपने भी टूट जाते है और हम सिर्फ दोराहे पर खड़े रह जाते है #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

Unsplash में बेरोजगार होके 
 तेरी महफिल में आया हूं 
कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना
 में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #lovelife में बेरोजगार होके 
 तेरी महफिल में आया हूं 
कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना
 में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ

#lovelife में बेरोजगार होके तेरी महफिल में आया हूं कुछ नाश्ता वास्ता करवा देना में मोहब्बत का पैगाम लाया हूँ #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

Unsplash बड़ी मुश्किल से ये मुकाम मैने पाया है 
मेहनत की और ये परिणाम आया है 
में कोशिश करूंगा मरते दम मेरे दोस्त
यही हुनर मेने अपनी किताब में लिखवाया है

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #Book बड़ी मुश्किल से ये मुकाम मैने पाया है 
मेहनत की और ये परिणाम आया है 
में कोशिश करूंगा मरते दम मेरे दोस्त
यही हुनर मेने अपनी किताब में लिखवाया है

#Book बड़ी मुश्किल से ये मुकाम मैने पाया है मेहनत की और ये परिणाम आया है में कोशिश करूंगा मरते दम मेरे दोस्त यही हुनर मेने अपनी किताब में लिखवाया है #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

White 


बहुत खूब सूरत तुम अल्फाज लिखती हो 
कागज के फूलों में भी आती हैं खुशबू तुम्हारे
ऐसे दिल की बात तुम बेबाक लिखती हों 
गम नहीं के मर जायेगे तुमको चाहने वाले
ऐसा तबियत का पूरा हिसाब लिखती हो 
बहुत खूब सूरत तुम अल्फाज लिखती हों

©Poet Kuldeep Singh Ruhela #love_shayari Gunjan Verma 


बहुत खूब सूरत तुम अल्फाज लिखती हो 
कागज के फूलों में भी आती हैं खुशबू तुम्हारे
ऐसे दिल की बात तुम बेबाक लिखती हों 
गम नहीं के मर जायेगे तुमको चाहने वाले
ऐसा तबियत का पूरा हिसाब लिखती हो

#love_shayari Gunjan Verma बहुत खूब सूरत तुम अल्फाज लिखती हो कागज के फूलों में भी आती हैं खुशबू तुम्हारे ऐसे दिल की बात तुम बेबाक लिखती हों गम नहीं के मर जायेगे तुमको चाहने वाले ऐसा तबियत का पूरा हिसाब लिखती हो #शायरी

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