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poetkuldeepsingh7703
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Poet Kuldeep Singh Ruhela

गुमनाम शायर में सहारनपुर का हूं यारो

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

बड़ी ही खामोशी के साथ 
अपने दिल को थाम लेता हूं 
में अब भी गुमनाम गलियों में 
चुपके चुपके तेरा नाम ले लेता हूं !

गुमनाम शायर

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  #sadak बड़ी ही खामोशी के साथ 
अपने दिल को थाम लेता हूं 
में अब भी गुमनाम गलियों में 
चुपके चुपके तेरा नाम ले लेता हूं !

गुमनाम शायर

#sadak बड़ी ही खामोशी के साथ अपने दिल को थाम लेता हूं में अब भी गुमनाम गलियों में चुपके चुपके तेरा नाम ले लेता हूं ! गुमनाम शायर #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

बड़ी मुद्दत से थी तमन्ना मेरी 
एक मोटर कार लेने की 
अपना रुतबा देखा तो 
अपनी खुशी को मारकर वापस आ गया यारो

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  बड़ी मुद्दत से थी तमन्ना मेरी 
एक मोटर कार लेने की 
अपना रुतबा देखा तो 
अपनी खुशी को मारकर वापस आ गया यारो

बड़ी मुद्दत से थी तमन्ना मेरी एक मोटर कार लेने की अपना रुतबा देखा तो अपनी खुशी को मारकर वापस आ गया यारो #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

White #मुझको भी खाने थे आम यारो 
मगर मेरी जेब में पैसे नही थे 
पड़ा था एक दस का नोट मेरी पॉकेट में 
देखा तो मुझे मेरे बच्चो का ख्याल आ गया !


गुमनाम शायर

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  #mango_tree मुझको भी खाने थे आम यारो 
मगर मेरी जेब में पैसे नही थे 
पड़ा था एक दस का नोट मेरी पॉकेट में 
देखा तो मुझे मेरे बच्चो का ख्याल आ गया 


गुमनाम शायर

#mango_tree मुझको भी खाने थे आम यारो मगर मेरी जेब में पैसे नही थे पड़ा था एक दस का नोट मेरी पॉकेट में देखा तो मुझे मेरे बच्चो का ख्याल आ गया गुमनाम शायर #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela



#चार पंक्तियों को लेकर महफिल में आया हूं 
शब्दो की में आज टोली बनाकर लाया हूं 
मुमकिन हो तो  कबूल कर लेना मेरा तोहफा यारो
आज फिर में अपनी बीवी से लड़कर आया हूं !


गुमनाम शायर
poet of saharanpur

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  #City 

#चार पंक्तियों को लेकर महफिल में आया हूं 
शब्दो की में आज टोली बनाकर लाया हूं 
मुमकिन हो तो  कबूल कर लेना मेरा तोहफा यारो
आज फिर में अपनी बीवी से लड़कर आया हूं !

#City #चार पंक्तियों को लेकर महफिल में आया हूं शब्दो की में आज टोली बनाकर लाया हूं मुमकिन हो तो कबूल कर लेना मेरा तोहफा यारो आज फिर में अपनी बीवी से लड़कर आया हूं ! #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

#कयामत हो गई आज फिर से देखो 
अहसास दिल के नजर आए
खूबसूरती पर लिखने बैठा था गजल आपकी 
पर मेरी आंखों में प्याज काटने से आंसू आय !

कवि कुलदीप सिंह रुहेला 
गुमनाम शायर 
Poet of saharanpur

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  #कयामत हो गई आज फिर से देखो 
अहसास दिल के नजर आए
खूबसूरती पर लिखने बैठा था गजल आपकी 
पर मेरी आंखों में प्याज काटने से आंसू आय !

कवि कुलदीप सिंह रुहेला 
गुमनाम शायर 
Poet of saharanpur

#कयामत हो गई आज फिर से देखो अहसास दिल के नजर आए खूबसूरती पर लिखने बैठा था गजल आपकी पर मेरी आंखों में प्याज काटने से आंसू आय ! कवि कुलदीप सिंह रुहेला गुमनाम शायर Poet of saharanpur #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

जिसके आने से जिंदगी में बहार आए
समझो उसी महजबी से प्यार हो जाय 
करते रहे जिसको हम देखकर अनदेखा 
समझो उसी के साथ हमारा लगन हो जाय 

गुमनाम शायर

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  #Sad_shayri जिसके आने से जिंदगी में बहार आए
समझो उसी महजबी से प्यार हो जाय 
करते रहे जिसको हम देखकर अनदेखा 
समझो उसी के साथ हमारा लगन हो जाय 

गुमनाम शायर

#Sad_shayri जिसके आने से जिंदगी में बहार आए समझो उसी महजबी से प्यार हो जाय करते रहे जिसको हम देखकर अनदेखा समझो उसी के साथ हमारा लगन हो जाय गुमनाम शायर #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

लाख कोशिश करता हूं 
तुमसे दूर जाने की 
पर तुम्हे देखकर सब भूल जाता हूं 
सपने में सोचता हूं में जिसको 
उसके ही घर में चाय पीने पहुंच जाता हूं

गुमनाम शायर

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  #Sad_shayri लाख कोशिश करता हूं 
तुमसे दूर जाने की 
पर तुम्हे देखकर सब भूल जाता हूं 
सपने में सोचता हूं में जिसको 
उसके ही घर में चाय पीने पहुंच जाता हूं

गुमनाम शायर

#Sad_shayri लाख कोशिश करता हूं तुमसे दूर जाने की पर तुम्हे देखकर सब भूल जाता हूं सपने में सोचता हूं में जिसको उसके ही घर में चाय पीने पहुंच जाता हूं गुमनाम शायर #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

White बड़ी खामोश हैं ये रात भी
कुछ लोगों का मिजाज भी गर्म है 
कुछ दुश्मन थे ज़्यादा मेरे 
लगता हैं  हर घर में गम ही गम है

गुमनाम शायर

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  #sad_shayari बड़ी खामोश हैं ये रात भी
कुछ लोगों का मिजाज भी गर्म है 
कुछ दुश्मन थे ज़्यादा मेरे 
लगता हैं  हर घर में गम ही गम है

गुमनाम शायर

#sad_shayari बड़ी खामोश हैं ये रात भी कुछ लोगों का मिजाज भी गर्म है कुछ दुश्मन थे ज़्यादा मेरे लगता हैं हर घर में गम ही गम है गुमनाम शायर #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

White बड़ी खामोशी से देख
रहा था समंदर में यारो
एक हवा का झोका सब
कुछ बहा कर ले गया मेरा 
न मोका मिला संभलने का
मुझको में देखता रहा अपनी
कश्ती को साहिल पर  डूबते हुए


गुमनाम शायर 
poet of saharanpur

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  #Free बड़ी खामोशी से देख
रहा था समंदर में यारो
एक हवा का झोका सब
कुछ बहा कर ले गया मेरा 
न मोका मिला संभलने का
मुझको में देखता रहा अपनी
कश्ती को साहिल पर  डूबते हुए

#Free बड़ी खामोशी से देख रहा था समंदर में यारो एक हवा का झोका सब कुछ बहा कर ले गया मेरा न मोका मिला संभलने का मुझको में देखता रहा अपनी कश्ती को साहिल पर डूबते हुए #शायरी

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Poet Kuldeep Singh Ruhela

White दो उंगलियों को मिलाकर दिल बना दिया तुमने
प्यार के पंखों को फिर से फैला दिया तुमने 
बड़ी शरार हो तुम कह दी बात मन की 
हम सोचते रहे के केसे तेरे करीब आय

गुमनाम शायर 
poet of saharanpur

©Poet Kuldeep Singh Ruhela
  #love_shayari दो उंगलियों को मिलाकर दिल बना दिया तुमने
प्यार के पंखों को फिर से फैला दिया तुमने 
बड़ी शरार हो तुम कह दी बात मन की 
हम सोचते रहे के केसे तेरे करीब आय

गुमनाम शायर 
poet of saharanpur

#love_shayari दो उंगलियों को मिलाकर दिल बना दिया तुमने प्यार के पंखों को फिर से फैला दिया तुमने बड़ी शरार हो तुम कह दी बात मन की हम सोचते रहे के केसे तेरे करीब आय गुमनाम शायर poet of saharanpur #शायरी

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