वो भला फिक्र ओ हैरां क्यूं हो। हम ही उनके दिल के मेहमां क्यूं हो। कहने को वो अपना कहते है मुझे। जाने जां मेरी जां उनकी जां क्यूं हो। दम तोड देती है मेरी हर ख्वाहिश। अब भला दिल को अरमां क्यूं हो। ऐसे में लोग बुरा समझने लगते है। सच बोलने को मेरी ही जुबां क्यूं हो। इश्क़ माने ख़ुद से ख़ुद की जंग है। जय हर बार मिरा ही इतंहा क्यूं हो। ©mritunjay Vishwakarma "jaunpuri" #bestshayari #brockenheart #bestgazals #love #mjaivishwa