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ना सिर्फ अपने ज़ज़्बातों का इज़हार करना चाहता हूँ! सा

ना सिर्फ अपने ज़ज़्बातों का इज़हार करना चाहता हूँ!
सारी जिंदगी के साथ का इक़रार करना चाहता हूँ!!

ये ग़ुलाब तो महज़ एक बहाना है तुमसे मिलने का!
निगाहों से तुम्हारे हुस्न का दीदार करना चाहता हूँ!!

चंद घड़ियों की जंजीर में ना बांध मेरे इश्क़ को सनम!
आख़िरी सांस तक भी मैं तुम्हें प्यार करना चाहता हूँ!!

बेचैन रहता हूँ आजकल तेरे ख़्यालों से लिपटकर!
यादों की आहटों से तुम्हे बेक़रार करना चाहता हूँ!!

गुज़ारा मुमकिन नही है अब तुम्हारे बिना “सावन"!
तेरे साथ मोहब्बत की सारी हदें पार करना चाहता हूँ!!

©Arun Upadhyay #इज़हार_ए_इश्क़
ना सिर्फ अपने ज़ज़्बातों का इज़हार करना चाहता हूँ!
सारी जिंदगी के साथ का इक़रार करना चाहता हूँ!!

ये ग़ुलाब तो महज़ एक बहाना है तुमसे मिलने का!
निगाहों से तुम्हारे हुस्न का दीदार करना चाहता हूँ!!

चंद घड़ियों की जंजीर में ना बांध मेरे इश्क़ को सनम!
आख़िरी सांस तक भी मैं तुम्हें प्यार करना चाहता हूँ!!

बेचैन रहता हूँ आजकल तेरे ख़्यालों से लिपटकर!
यादों की आहटों से तुम्हे बेक़रार करना चाहता हूँ!!

गुज़ारा मुमकिन नही है अब तुम्हारे बिना “सावन"!
तेरे साथ मोहब्बत की सारी हदें पार करना चाहता हूँ!!

©Arun Upadhyay #इज़हार_ए_इश्क़