शीर्षक - अभी तो वो खफ़ा है लेकिन कल------ --------------------------------------------------------------------- अभी तो वो खफ़ा है लेकिन, कल कहेंगे हमको। करके इशारा वो अपना, कल कहेंगे हमको।। अभी तो वो खफ़ा है ----------------------------।। बात अपने दिल की वो, रखते हैं अपने दिल में। भेजकर वो अपना खत, कल कहेंगे हमको।। अभी तो वो खफ़ा है -------------------------।। उनकी खुशी कम नहीं हो, उनसे दूर हम हैं। हाथ मिलाकर वो अपना, कल कहेंगे हमको।। अभी तो वो खफ़ा है ---------------------------।। खता उनकी भी नहीं है, मजबूरी कुछ उनकी है। मानकर वो अपना प्यार, कल कहेंगे हमको।। अभी तो वो खफ़ा है --------------------------।। उनको हमारे नगमें, देखा है सुनते हमने। ख्वाब अपनी आँखों का, कल कहेंगे हमको।। अभी तो वो खफ़ा है --------------------------।। हम सा प्यार नहीं मिलेगा,यह खबर उनको भी है। सच्चा साथी वो अपना, कल कहेंगे हमको।। अभी तो वो खफ़ा है -------------------------।। शिक्षक एवं साहित्यकार गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान) ©Gurudeen Verma #गज़ल