Nojoto: Largest Storytelling Platform

इंसान बन क्या गया तू , समझ क्या रहा तू ... ए हवा ऐ

इंसान बन क्या गया तू ,
समझ क्या रहा तू ...
ए हवा ऐसी आ तू ,
इंसान को इंसान बना तू ...

गलतियों का पुतला तू ,
ऊंचाइयों को छू कर इतराया तू ...
किसी का मान ना रखा तूने ,
अपने को माने सर्वशक्तिमान तू ...

निभाता अच्छी माया वालों के साथ तू ,
बिन माया वालों को कर देता नजरअंदाज तू ...
तेरी यह बात लगी सीधे मेरे दिल पर ,
इसलिए मेरी कविता का विचित्र प्रतिबिंब है तू ...

इंसान की परिभाषा बड़ी सरल है दोस्त ,
अपनों को अपना ...
पराओ को भी अपना माने जो ,
असल मायने में इंसान है वो ....

(स्वस्थ धीर)

©Swasth Dheer real human definition
इंसान बन क्या गया तू ,
समझ क्या रहा तू ...
ए हवा ऐसी आ तू ,
इंसान को इंसान बना तू ...

गलतियों का पुतला तू ,
ऊंचाइयों को छू कर इतराया तू ...
किसी का मान ना रखा तूने ,
अपने को माने सर्वशक्तिमान तू ...

निभाता अच्छी माया वालों के साथ तू ,
बिन माया वालों को कर देता नजरअंदाज तू ...
तेरी यह बात लगी सीधे मेरे दिल पर ,
इसलिए मेरी कविता का विचित्र प्रतिबिंब है तू ...

इंसान की परिभाषा बड़ी सरल है दोस्त ,
अपनों को अपना ...
पराओ को भी अपना माने जो ,
असल मायने में इंसान है वो ....

(स्वस्थ धीर)

©Swasth Dheer real human definition
swasthdheer4908

Swasth Dheer

New Creator