✍️आज की डायरी✍️ ✍️परवाना बनता है✍️ मन की कहने से बस अफ़साना बनता है । कहानी कहने से ये जग दीवाना बनता है । लफ़्ज़ जब निकले दिल की आवाज़ से । महफ़िल में वही शब्द तराना बनता है ।। भावुकता को यहां पागलपन समझते हैं । फरेबों का ही ये जहां मस्ताना बनता है ।। हक़ीक़त कहने से मजाक बनाते हैं लोग । झूठ को कहने से नया फ़साना बनता है ।। इश्क़ हो या ख़्वाब ख़ुद को जलाना पड़ता है । तब जाकर कोई शख्स परवाना बनता है ।। ✍️नीरज✍️ ©डॉ राघवेन्द्र #meridiary