वीर कभी मरते नहीं , जन जन होती बात । बस इतना ही कष्ट है , हृदय हुआ आघात ।। त्याग और बलिदान से , करते देश महान । वीर शहीदों में सदा , नित जिनकी पहचान ।। आज देश पे मर मिटें , अपने वीर जवान । काल चक्र ने निगल लिया , देश का स्वाभिमान ।। संकट ऐसा काल का , हुआ नहीं अनुमान । पंख पखेरू ले गये , हिंद देश की शान ।। वीरों की गाथा लिखूँ , करूँ देश का मान । माँ इतना तुम ज्ञान दो , अवसर मिलें समान ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR वीर कभी मरते नहीं , जन जन होती बात । बस इतना ही कष्ट है , हृदय हुआ आघात ।। त्याग और बलिदान से , करते देश महान । वीर शहीदों में सदा , नित जिनकी पहचान ।। आज देश पे मर मिटें , अपने वीर जवान । काल चक्र ने निगल लिया , देश का स्वाभिमान ।।