कल तक मै था आज नहीं हूँ कोई था अच्छा सा नाम था उसका लोग इसी डंग से याद कर लेंगे मुझे और मेरे लिए ये भी क्या कम है कि मै याद किया गया हूँ किसी क़ो मै याद नहीं...कोई जानता भी नहीं कि क्या मैंने पाया और क्या कुछ खोया था और कैसे मै जी पाया था इस असंवेदनशिल संसार मे बस इतिहास के किसी पृष्ठ केंकोने पऱ मै लिखा हुआ रह जाऊंगा "कि कोई था यहां जो आज नहीं है " ©Parasram Arora "कल तक था जो आज नहीं है "