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खामोशी को अक्सर कमजोरी मान लेते हैं चुप रहने की आद

खामोशी को अक्सर कमजोरी मान लेते हैं
चुप रहने की आदत हो बेकूफ कह देते है ।

ज्यादा बोलने को बड़बोला बोलते हैं
कम बोलो तो अभीमानी मान लेते हैं ।

सोच समझकर बोलो तो 
होशियार पद देते हैं
चंचल मन है तो
 पागल समझ छोड़ देते हैं ।

सब मिलकर सोचो पूर्णता कहीं नहीं
तो फिर जो जैसा है 
वैसा क्यों नहीं स्वीकार लेते हैं ।

खामोशी को अक्सर कमजोरी मान लेते हैं
चुप रहने की आदत को बेवकूफ कह देते है ।

©kanchan Yadav
  #लफ्ज़