एक हंसी मे कितने जज्बात छिपे होते हैं, ना जाने कितने एहसास छिपे होते हैं, मुस्कुराहट से तो कोई भी बोल देता हैं, पर जमाना सुनता उसकी हैं, जिसकी हंसी मे जमाने को बदलने के अल्फाज छिपे होते हैं..