संध्या की झुरमुट में तम के तिमिर में प्यासे मन की व्याकुलता में हिर्दय की भावभीनी अकुलता तुम्हारी बाँह में बिखरना प्रीत मेरी इस आह में कितने दिन तुम्हारे नाम पर काड़े किन्तु भाग्य के कोरे पन्नो में एकल भाव संग मन व्यग्र ©Kavitri mantasha sultanpuri #प्रीत #preettumharibahonme #KavitriMantashaSultanpuri