हादसे बार बार होते हैं कुछ बड़े यादगार होते हैं उनकी हर बात सच नहीं होती जिनके अपने बाजार होते हैं.. किसको अपना कहें जमाने में दिल के दुश्मन हजार होते हैं.. दिल बहलता नहीं बहानों से दिल के अपने कराऱ होते हैं.. फ़ख्र जिन पर रहा वही रिश्ते किस कदर तार तार होते हैं.. ज़िस्म की भूख क्यूँ नहीं मिटती क्यूँ कफ़न दागदार होते हैं.. कौन कितना सही बता दूँ मगर आईने नागँवार होते हैं.. ©अज्ञात #हादसे