Nojoto: Largest Storytelling Platform

White उसे अपनी मंज़िल समझकर उस से मोहब्बत तो कभी

White उसे अपनी मंज़िल समझकर 
उस से मोहब्बत तो कभी की ही नहीं।
बस हो गई मोहब्बत उस से,
शायद लिखी हुई थी क़िस्मत में ही।
उसके साथ बहुत दूर तक चलने की चाहत है 
लेकिन,मंज़िल मेरी वो आज भी नहीं।
जब तक बस में है इस सफ़र में रहने की चाहत है
मंज़िल पर पहुॅंच कर तो ख़त्म हो जाता है हर सफ़र ही।
बस मंज़िल की चाहत से इन्कार है,
साथ चलने से इन्कार कभी था ही नहीं।
और वैसे भी ....
हर सफ़र कहाॅं किया जाता है मंज़िल को पाने के लिए,
कुछ सफ़र होते है सिर्फ़ दिल की ख़ुशी और सुकून के लिए ही।

#bas yunhi .......

©Sh@kila Niy@z
  #basekkhayaal #basyunhi 
#mohabbat_safar 
#manzil 
#nojotohindi 
#Quotes 
#5Aug