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धीरे धीरे से हाथों से हाथ जोड़े थे, तेरे खातिर हमन

धीरे धीरे से हाथों से हाथ जोड़े थे,
तेरे खातिर हमने अपनों से मुंह मोड़े थे।
इल्तजा है दिल से बेसबर रहेंगे,
लेकिन वाकिफ है अब आप हमसे बेखबर रहेंगे।
सांसे रुक जाती थी रूह डर सी जाती थी,
जो तू जाने की बात करता था तो हम जैसे मर से जाते थे।
वादा है अब कोई नही आयेगा न कभी तुझे भूल पाएंगे,
पर वाकिफ है कुछ दिनों में आप हमें भूल जाएंगे।
चाहत है आपका मुक्कमल हो हर सफर,
और मिले जिंदगी में बेहद हसीन हमसफर ।
उमर भर अब न मिले हम कभी,
अब ये हो आपकी दुआओं का असर।।

                           अलविदा ए हमसफर।
                            ...........................

©Ayushi Vishwakarma
  Alwida.....

Alwida..... #शायरी

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