गर, कभी हमारा। आमना-सामना हो जाए। तुम अपने प्राणाधार का हाथ थाम कर, बीच रास्ते से चल जाना। ओर, मै अपनी हिम्मत को पकड़ कर, आंखों में पानी लिए, चेहरे पे मुस्कान रखें, तूझे देखता रहूंगा। प्राणाधार- Husband (पति) . 🎀 Challenge-454 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 इस विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 🎀 रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।