उस ने कमाई का झांसा देकर, चंद ताश के पते दे दिए हाथों में, क्यों लेखक की तरह कलम घिसते हो, बस गुमराह करो जमाने को बातों से, हर कोई लाचार है बेजार है, नोजोटो नहीं, झटकों कुछ नोटों को, जब तक तुम्हारी बातों को कोई समझेगा, तब तलक दिमाग और जेब से खाली होगा, ©Harvinder Ahuja #आओ मिलकर लूटें।