लोगोँ को मे पागल लगता हूँ ये सच है प्यार महव्वत मूझे कूछ नहीं आता सिर्फ इतना कसुर है कि जबसे तुम्हें देखा और कुछ भि अछा नहीं लगता चिन्मय मिश्र आछा नहीं लगता