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अंधेरी रात में कुछ तारों की जरूरत है लड़खड़ाते क़


अंधेरी रात में कुछ तारों की जरूरत है
लड़खड़ाते क़दम को सहारों की जरूरत है
अधेरी रात में......
चलते चलते थक जाओगे सफर में
उस नज़र के कुछ इशारों की जरूरत है
अधेरी रात में......
मंजिल दूर है मौसम भी कुछ ठीक नहीं
प्यास लग जायेगी फुहारों की जरूरत है 
अधेरी रात में......
ये जिन्दगी के सफर का दरिया है भाई
"सूर्य" को भी आत्मिक नारों की जरूरत है
अधेरी रात में......

©R K Mishra " सूर्य "
  #अंधेरी रात में कुछ  Suresh Gulia Chetna Dubey पूजा उदेशी Riti sonkar Ashutosh Mishra

#अंधेरी रात में कुछ Suresh Gulia Chetna Dubey पूजा उदेशी @Riti sonkar @Ashutosh Mishra #कविता

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