कविता प्राइमरी स्कूल की अच्छी उमर ओहि थी, जब प्राइमरी में पढ़ा करते थें। हर एक एक छोटी सी छोटी बातों में हम लड़ा करते थे।। तूने मेरे दोस्त को, कैसे हाथ लगाया, ये दोस्त नहीं मेरा भाई है। चल मिल स्कूल के बाहर, पक्का आज तेरी पिटाई है। तूने इसे कैसे हाथ लगाया, ये मेरा भाई है। होस नही था कि खुद को संभाल ले, पर उस उमर पे फिर भी कितनी चतुराई है। वो नीले ड्रेस वाली तेरी भाभी है। ऐसा कह कर बोला................ किसी और से मत कहना, तुझे इसलिए बताया क्यों कि तु मेरा भाई है।। कहा गए वो दिन जब हम अपनी गलतियों पर भी अडा करते थे। सबसे अच्छी उमर ओहि थी, जब प्राइमरी में पढ़ा करते थें।। कविता प्राइमरी स्कूल की