आज फिर तुम से मिलने को दिल कर रहा हैं तेरी बाँहो मे पिघलने को दिल कर रहा है समा गया मेरी धड़कनों मे तू कुछ इस तरह तेरे संग जीने मरने का दिल कर रहा है मेरे लिए तू हैअजीज हर किसी से तेरे लिए हम मर जायें खुशी से इजहार तुमसे करने का दिल कर रहा है आज फिर तुमसे मिलने को...... अब तुम से दूर रहा जाये ना हाल-ए,-दिल कहा जाये ना आज हद से गुजरने को दिल चाहता है आज फिर तुम से मिलने को...... तेरी प्यारी अदाओं पे प्यार आ रहा है तुझे देख कर ही दिल को करार आ रहा है अब तेरी हो जाने का दिल कर रहा है आज फिर तुम से मिलने को....... अल्फाज जो दिल से निकले