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तेरे इश्क़ का कर्ज़। ठेके पर चुका आया। तेरी याद जो

तेरे इश्क़ का कर्ज़।
ठेके पर चुका आया।
तेरी याद जो आई तो।
बोतल उठा लाया।
 ये शराब भी तेरी यादों को,
 कहा भुला पाती है।
बस लबों से चढ़ती है।
आंखों से उतर जाती है।
ताहिर।।।

©TAHIR CHAUHAN
  #इश्क़ #कर्ज #शराब