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मेरी वाचाल बातों से मेरे अन्दर छुपे जज़्बातों से,

मेरी वाचाल बातों से मेरे अन्दर छुपे जज़्बातों से,
बस आज तक कोई भी मुझे समझ नहीं पाया है।

                      बर्दाश्त  करने की  सीमाएँ नहीं कमजोर  हैं मेरी,
                      हमने  अनेक  गमों को  अपने अन्दर  छुपाया है।

प्रकृति  चाहे  जैसी भी हो सब लोग मुझे प्रिय हैं,
अब तक  न जाने  कितनों ने मुझे  आज़माया है।

                      मैं जहाँ भी जाता हूँ  वहीं का होकर  रह जाता हूँ,
                     अति प्रिय  हो जाते हैं  मैंने जिनसे स्नेह बढ़ाया है।

ना जाने क्यों ठीक से मुझे रूठना  भी नहीं आता,
पर मैंने अक्सर रूठे हुए प्रिय जनों को  मनाया है।

                     'मैं दिल का बुरा नहीं'अक्सर उन्हीं के मुँह से सुना,
                     जिन्होंने मुझे कभी अपनी ही नज़रों से गिराया है। दिल के बुरे नहीं हम,
कोई पुकार के देख ले.....

👉आओ अब कुछ लिख जायें।।
कोलाब कीजिए और अपने दोस्तों को भी कोलाब करने के लिए आमंत्रित कीजिए :-

#दिलकेबुरेनहीं
#collabwithकाव्यपथिक
मेरी वाचाल बातों से मेरे अन्दर छुपे जज़्बातों से,
बस आज तक कोई भी मुझे समझ नहीं पाया है।

                      बर्दाश्त  करने की  सीमाएँ नहीं कमजोर  हैं मेरी,
                      हमने  अनेक  गमों को  अपने अन्दर  छुपाया है।

प्रकृति  चाहे  जैसी भी हो सब लोग मुझे प्रिय हैं,
अब तक  न जाने  कितनों ने मुझे  आज़माया है।

                      मैं जहाँ भी जाता हूँ  वहीं का होकर  रह जाता हूँ,
                     अति प्रिय  हो जाते हैं  मैंने जिनसे स्नेह बढ़ाया है।

ना जाने क्यों ठीक से मुझे रूठना  भी नहीं आता,
पर मैंने अक्सर रूठे हुए प्रिय जनों को  मनाया है।

                     'मैं दिल का बुरा नहीं'अक्सर उन्हीं के मुँह से सुना,
                     जिन्होंने मुझे कभी अपनी ही नज़रों से गिराया है। दिल के बुरे नहीं हम,
कोई पुकार के देख ले.....

👉आओ अब कुछ लिख जायें।।
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#दिलकेबुरेनहीं
#collabwithकाव्यपथिक