चांद रोता है उस पहर जब रात चली जाती है दिन के आगोश में सितारे गमगीन हो जाते है चांद को रोता देखकर कोई दुआ करे तो शायद रात लौट आये अपनी भूल मानकर चांद सा है चांद का प्यार रह नही सकता रात से बिछड़कर चांद रोता है उस पहर हम सब सो जाते है जिस पहर #चांद रोता है