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जब सियाशत बोलती है, तो कर्मकर्ता को चुप होकर सुनना

जब सियाशत बोलती है, तो कर्मकर्ता को चुप होकर सुनना चाहिए और वक्त आने पर सही ढंग से सवाल करना चाहिए। 

क्योंकि खाली डब्बों का शोर ही ज्यादा सुना हैं, कभी मधुर ताल नहीं दी डब्बों ने आज तक, फिर चाहे डब्बा छोटा हो या बड़ा। 

*राजविंदर कौर संधू* 
कलम उठेगी और सवाल ज़ारी रहेंगे।

©Rajwinder Kour Sandhu जब सियाशत बोलती है, तो कर्मकर्ता को चुप होकर सुनना चाहिए और वक्त आने पर सही ढंग से सवाल करना चाहिए। 

क्योंकि खाली डब्बों का शोर ही ज्यादा सुना हैं, कभी मधुर ताल नहीं दी डब्बों ने आज तक, फिर चाहे डब्बा छोटा हो या बड़ा। 

*राजविंदर कौर संधू* 
कलम उठेगी और सवाल ज़ारी रहेंगे।

#therajwinderkour04 #shiyasat #सियासत
जब सियाशत बोलती है, तो कर्मकर्ता को चुप होकर सुनना चाहिए और वक्त आने पर सही ढंग से सवाल करना चाहिए। 

क्योंकि खाली डब्बों का शोर ही ज्यादा सुना हैं, कभी मधुर ताल नहीं दी डब्बों ने आज तक, फिर चाहे डब्बा छोटा हो या बड़ा। 

*राजविंदर कौर संधू* 
कलम उठेगी और सवाल ज़ारी रहेंगे।

©Rajwinder Kour Sandhu जब सियाशत बोलती है, तो कर्मकर्ता को चुप होकर सुनना चाहिए और वक्त आने पर सही ढंग से सवाल करना चाहिए। 

क्योंकि खाली डब्बों का शोर ही ज्यादा सुना हैं, कभी मधुर ताल नहीं दी डब्बों ने आज तक, फिर चाहे डब्बा छोटा हो या बड़ा। 

*राजविंदर कौर संधू* 
कलम उठेगी और सवाल ज़ारी रहेंगे।

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