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चेहरे पे चेहरा और मुखौटे पे मुखौटा लगाए फिरते है,

चेहरे पे चेहरा और मुखौटे पे मुखौटा लगाए फिरते है, 
न जाने क्यों??लोग झूठ की दुकान 
लगाए फिरते है।
सच से मुंह मोड़कर , झूठ  की  शान  बनाए फिरते है।
और कहा रही वो बातें, जो पहले हुआ करते थे , 
किसी लड़की को देख मुसीबत में,
बिना रिश्ते के लड़ा करते थे।

इज्जत होती थी दिल से , 
एक पराए व्यक्ति को भी अपना बनाया करते थे ।
वो दिन भी कितना प्यारा था,
जब लोग रिश्ते दिल से निभाया करते थे।

बच के रहना ए दोस्त , यहां लोग दिखावा बहुत करते है।
किसी एक पे नहीं, यहां अक्सर लोग हजारों पे मरते है
और l love you, ये बस खेल है  आज कल की , जिससे 
अक्सर लोग बड़े दिल से खेला करते है, 
और भ्रम हो जाता है किसी एक को ,
की कोई है जो उनसे प्यार किया करते है।

©पूर्वार्थ #Raftaar 
#मुखौटा
चेहरे पे चेहरा और मुखौटे पे मुखौटा लगाए फिरते है, 
न जाने क्यों??लोग झूठ की दुकान 
लगाए फिरते है।
सच से मुंह मोड़कर , झूठ  की  शान  बनाए फिरते है।
और कहा रही वो बातें, जो पहले हुआ करते थे , 
किसी लड़की को देख मुसीबत में,
बिना रिश्ते के लड़ा करते थे।

इज्जत होती थी दिल से , 
एक पराए व्यक्ति को भी अपना बनाया करते थे ।
वो दिन भी कितना प्यारा था,
जब लोग रिश्ते दिल से निभाया करते थे।

बच के रहना ए दोस्त , यहां लोग दिखावा बहुत करते है।
किसी एक पे नहीं, यहां अक्सर लोग हजारों पे मरते है
और l love you, ये बस खेल है  आज कल की , जिससे 
अक्सर लोग बड़े दिल से खेला करते है, 
और भ्रम हो जाता है किसी एक को ,
की कोई है जो उनसे प्यार किया करते है।

©पूर्वार्थ #Raftaar 
#मुखौटा