ओंस की बूँद चेहरे पर पड़ रही थी। वो भी क्या दिन था जब सुबह सुबह उठ कर मैं ओस की बूंदों को चेहरे पर महसूस करता था उसका एहसास बिल्कुल तेरे हाथो के छुअन जैसा था। तेरे ख़यालो में रहकर जब उन ओस की बूंदों को छूने की कोशिस करता हूँ मेरे छूते ही पानी बन जाती है। जिस तरह तुम मेरे छूते ही लिपट कर मुझसे रोने लग जाते थे । न जाने क्या था मैं जो तुम्हे देख कर खुद्द के आंसू सम्भाल कर मुस्कुराने का नाटक करता था और तुम समझ जाते थे न जाने क्यों अब जब भी मिलते हो मेरे ठीक कहने पर भी मेरा दर्द देखते नही या देख कर उन ओस की बूंदों की तरह चेहरे पर पड़ कर ठंडा कर देते हो मेरे ख़यालो को। Ameet #kavita #hindi #urdu #kahani #shortstory #grammy #oscars #storyteller #shayari #shayar #feelings #love #writer #writing #hindiwriter #instagramwritter #poets #poetry #hindipoets #poems @onlyameet #Ameet