खुशियों का सूरज ढलता है, ग़म की रात उमड़ती है। समय की रेत फिसलती रहती, ना सूरज हमेशा तपता है, ना रात हमेशा रहती है। समय की रेत फिसलती हुई, ये मेरी उम्र ढलती हुई। #समयकीरेत #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine#सम्पूर्ण#जीवन#सच#विश्वास Collaborating with YourQuote Didi