होली आज भी आती है होली पहले भी आती थी , रंग, गुलाल आये ना आये साथ खुशियां तो जरूर लाती थी , क्या उतनी ही ख़ुशी आज मिलती है ये लाख टके का सवाल है... आज रंग है , गुलाल है , पर माँ तेरे ना होने का मलाल है... वो रंगो की चार आने की पूड़ीयां मिटा देती थी दिलो की दूरिया , वो खुद से बनाई बांस की पिचकारी वो चेहरे पे मोविल से कलाकारी , आज सैकरो के रंग अबीर नहीं कर पाते वो कमाल है... आज पुआ है, पकवान है पर बचपन तेरे ना होने का मलाल है... #NojotoQuote holi aaj aur kal