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हाल-ए-दिल बया करू मे आज, मेरे शब्दों की सहायता से

हाल-ए-दिल बया करू मे आज,
मेरे शब्दों की सहायता से कोरे काग़ज पर।

लिखू चंद अल्फाज़ मेरे दिल की कशमकश के,
की हर वक़्त बढ़ती ही जाए चाहत तुझे पाने की।

मन तो अब कहाँ मेरी सुने,
वो तो बस चले तो सिर्फ तेरे विचारों मे।

काश तू एक बार सुनकर मेरा हाल-ए-दिल,
चली आ मेरे पास और दिल की कशमकश को कम करा जा।  P.P.11.
#PP_शब्दरेखा_हाल_ए_दिल


➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये।
स्वरचित रचना ही मान्य है।
हाल-ए-दिल बया करू मे आज,
मेरे शब्दों की सहायता से कोरे काग़ज पर।

लिखू चंद अल्फाज़ मेरे दिल की कशमकश के,
की हर वक़्त बढ़ती ही जाए चाहत तुझे पाने की।

मन तो अब कहाँ मेरी सुने,
वो तो बस चले तो सिर्फ तेरे विचारों मे।

काश तू एक बार सुनकर मेरा हाल-ए-दिल,
चली आ मेरे पास और दिल की कशमकश को कम करा जा।  P.P.11.
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➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये।
स्वरचित रचना ही मान्य है।

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