खिल रहा है सुंदर कमल """""""""""""""""""""""""" कल - कल कर रहा है किचड़ में जल, खिल रहा है सुंदर कमल। सबल हो रहा है देश,सबल हो रहा है भारत , हर तबके का अब बढ़ रहा है साहस। विश्व की चाह भी अब रोशन होने लगी है, आतंक नहीं शांति की राह हर सोच अब रफ्तार पकड़ने लगी है। विरोधी औंधे मुंह गिर रहा है, दृष्टि पटल पर रखकर अब धीरे-धीरे हिल रहा है। गुलजार मन जो था 70 सालों तक, प्रत्येक राज का गठरी अब खुल रहा है। हर विरोधी अब कर रहा है भाजपा का नकल, कल - कल कर रहा है कीचड़ में जल, खिल रहा है सुंदर कमल।। 11111111111111111111111111111111111 प्रमोद मालाकार की कलम से ©pramod malakar #खिल रहा है सुंदर कमल