लिखे हुए लफ़्ज़ों को तो कोई भी पढ़ लेगा। शयर वही हैं जो जज्बात लिखे। copy तो कोई भी कर लेगा। मगर शयर वही हैं, जो अपनी कलम पर विश्वास रखे। ©ARUN KUMAR शयर वही हैं जज्बात लिखे। औऱ copy ना करें।