मैंने तारों को टूटते हुए देखा उनसे प्रार्थनाएं भी की । ये जानते हुए भी कि ये मात्र एक खगोलीय घटना है और मैं ये भी जानती थी कि जो टूट रहा है वो तारा नहीं है वो द्रुत गति से नीचे गिरता एक पत्थर है । फिर भी मैंने उसके हाथ भेजा अपना संदेश ईश्वर तक । हमें हमेशा से ही अपनी बात ईश्वर तक पहुंचाने के लिए लेना पड़ा है सहारा एक पत्थर का ।। ©पूर्वार्थ #तारे