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ज़िंदगी का हर पल समय से पहले ही गुजर जाता है मोहब

ज़िंदगी का हर पल समय से पहले ही गुजर जाता है 
 मोहब्बत ही ऐसी दवा है जो ठोकर लगने पर मानव सुधार जाता है 

 अनुज  प्रताप सिंह सूर्यवंशी 
     7599289803 द्रोपदी स्वयंवर मे द्रोपदी के पिता ने देश विदेश के राजाओं को निमन्त्रण भेजकर बुलाया | स्वयंवर मे महाराजा कर्ण ने भी भाग लिया | मछली  नेत्र भेदन के समय द्रोपदी ने सूत पुत्र कहकर एक प्रतापी महाराजा का अपमान किया | इस प्रकार के व्यंग का द्रियोधन के सिवाय किसी ने भी बिरोध नही किया जबकि कर्ण के लिए उचित था | ऐसी दुष्ट सभा और स्त्री को हम कहें |
ज़िंदगी का हर पल समय से पहले ही गुजर जाता है 
 मोहब्बत ही ऐसी दवा है जो ठोकर लगने पर मानव सुधार जाता है 

 अनुज  प्रताप सिंह सूर्यवंशी 
     7599289803 द्रोपदी स्वयंवर मे द्रोपदी के पिता ने देश विदेश के राजाओं को निमन्त्रण भेजकर बुलाया | स्वयंवर मे महाराजा कर्ण ने भी भाग लिया | मछली  नेत्र भेदन के समय द्रोपदी ने सूत पुत्र कहकर एक प्रतापी महाराजा का अपमान किया | इस प्रकार के व्यंग का द्रियोधन के सिवाय किसी ने भी बिरोध नही किया जबकि कर्ण के लिए उचित था | ऐसी दुष्ट सभा और स्त्री को हम कहें |

द्रोपदी स्वयंवर मे द्रोपदी के पिता ने देश विदेश के राजाओं को निमन्त्रण भेजकर बुलाया | स्वयंवर मे महाराजा कर्ण ने भी भाग लिया | मछली नेत्र भेदन के समय द्रोपदी ने सूत पुत्र कहकर एक प्रतापी महाराजा का अपमान किया | इस प्रकार के व्यंग का द्रियोधन के सिवाय किसी ने भी बिरोध नही किया जबकि कर्ण के लिए उचित था | ऐसी दुष्ट सभा और स्त्री को हम कहें |