Nojoto: Largest Storytelling Platform

सर को छुपाने को नये ठिकाने मिले। ऑखे खुले तो खुशी

सर को छुपाने को नये ठिकाने मिले।
ऑखे खुले तो खुशी के जमाने मिलें
महफिल जमा होती रही मेरे दर पे बारहा
जब भी गले मिले तो मेरे यार पुराने मिले

©Deep Chakraborty
  हिन्दी गजल

हिन्दी गजल #शायरी

1,188 Views