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सुबह शाम जाम ए इश्क़ पीता रहता हूँ अक्सर तेरे दिये

सुबह शाम जाम ए इश्क़ पीता रहता हूँ
अक्सर तेरे दिये जख्मों को सहता रहता हूँ
मेरी आरज़ू  है उम्रभर सलामत रहे तू
इसलिए, मै मशरूफ तेरे ख्यालों मे रहता हूँ

©Bhupendra Rawat #kohra सुबह शाम जाम ए इश्क़ पीता रहता हूँ
अक्सर तेरे दिये जख्मों को सहता रहता हूँ
मेरी आरज़ू  है उम्रभर सलामत रहे तू
इसलिए, मै मशरूफ तेरे ख्यालों मे रहता हूँ

Bhupendra Rawat 
06/01/2024
सुबह शाम जाम ए इश्क़ पीता रहता हूँ
अक्सर तेरे दिये जख्मों को सहता रहता हूँ
मेरी आरज़ू  है उम्रभर सलामत रहे तू
इसलिए, मै मशरूफ तेरे ख्यालों मे रहता हूँ

©Bhupendra Rawat #kohra सुबह शाम जाम ए इश्क़ पीता रहता हूँ
अक्सर तेरे दिये जख्मों को सहता रहता हूँ
मेरी आरज़ू  है उम्रभर सलामत रहे तू
इसलिए, मै मशरूफ तेरे ख्यालों मे रहता हूँ

Bhupendra Rawat 
06/01/2024

#kohra सुबह शाम जाम ए इश्क़ पीता रहता हूँ अक्सर तेरे दिये जख्मों को सहता रहता हूँ मेरी आरज़ू है उम्रभर सलामत रहे तू इसलिए, मै मशरूफ तेरे ख्यालों मे रहता हूँ Bhupendra Rawat 06/01/2024 #शायरी