बहुत सी नई नई इच्छाए मन में उठती रहेती हैं, मन की दिवाल से बार बार टकरा कर टूटती रहेती हैं, अपने मन को बार बार मारने से अच्छा है, मन को ऐसी इच्छाओ से मीलने से रोकना है। #शबाना पठान #hearts