मुझे इश्क़ है रातो से उन तन्हाइयों के खामोशियों से... मुझे इश्क़ है रातो से चांदनी रात में चकोर निहारे उस प्यार की दिलकश... निगाहों से...मुझे इश्क़ है रातो से उन झींगुरों की सावन की झड़ियो में भीग रही मीठी... धुनो से...मुझे इश्क़ है रातो से सरसरी हवाओ से लहलहाती दिल की बात बयां हो रही हैं जुबां से...मुझे इश्क़ है रातो से रात की रानी खिल उठे उस गुलस्तां में प्यार की सौंधी-सौंधी खुशबू से...मुझे इश्क़ है रातो से your-madhu mujhe ishaq hai rato se✍