'परमेश्वर' मतांध विरोध... घातक है, द्वेष नाश का... सूचक है, भिन्नत्ता तो सृष्टि का राज़ है.. परमेश्वर ही... पालक है! प्रामाणिक का... जोर है, बाकी सब... कमजोर है, चुगली तो जगत का काज है.. परेमश्वर ही... सिरमौर है! अवरोध बनना.. रोग है, मन का तन से.. वियोग है, बाधा तो स्वयं ही शाप है.. परमेश्वर ही... आलोक है! ©Anand Dadhich #परेमश्वर #God #selfdiscipline #kaviananddadhich #poetananddadhich #eveningthoughts #Krishna