तू उड़ तो सही तुझको किसने रोका है इन तूफानों से भी क्या डरना जो एक हल्का सा झोंका है इनका तो काम ही है, ये करते रहेंगे तुम कुछ कर नहीं सकती, यहीं बात कहेंगे तुमको वो सीमा लांघनी है जो इन्होंने बना रखा है तुमको वो झूठ सच में बदलना है जो इन्होंने फैला रखा है तुमको वो अन्तर भरना है जो इन्होंने बढ़ा रखा है तुमको वो दीवार तोड़नी है जो इन्होंने चुनवा रखा है रोक न पाए तुमको कोई ऐसा तुम्हें खुदको बनाना है फिर चाहे हों कैसी भी कठिनाई उन ऊंचाईयो तक जाना है आखिर तुम्हारा भी एक वजूद है जो हर एक के मन में छापना है और जमीं तो अभी कुछ भी नही तुम्हे तो पूरा आसमान नापना है तू उड़ तो सही तुझको किसने रोका है इन तूफानों से भी क्या डरना जो एक हल्का सा झोंका है ©Mr. Raj #womens_day_special