कल शाम की उदासी अब भी दिल से लगाए बैठी हूँ हाँ मैं तेरे प्यार की सुबह की याद दिल मे बसाये बैठी हूँ रातों को अपने गम के किस्से हज़ारों बार बताये बैठी हूँ तकिये को आँसुओं से बार बार भीगाये बैठी हूँ आने वाले कल की सुबह को पीठ दिखाये बैठी हूँ नयी खुशियों की रोशनी से नज़रें चुराए बैठी हूँ #mai_bekhabar #collabwithmb #rztask326 #rzलेखकसमूह #restzone #yqhindi #lovequotes