कोई एयरलिफ्ट कर दो बे, मैं आगे बढ़ना चाहता हूं. इस दलदल से निकलकर फिर से चलना चाहता हूं. कोई टाइम मशीन ला दो बे, समय कम पड़ रहा है मैं बचपन में जाना चाहता हूं. बिखर के टुकड़ों में फैला हुआ हूँ, कोई सँवार दो बे, मैं आकार लेना चाहता हूं. हर पन्ना पुस्तक का बिखरा पड़ा है, कोई बाइंडिंग करा दो बे, मैं पढ़ना चाहता हूं. स्याही सूख गयी कलमों से, कोई लहू भरदो बे, मैं लिखना चाहता हूं. एक समुन्दर बेकरार फैला है, कोई कन्धा दे दो बे, मैं रोना चाहता हूं. थकान से चूर हूँ सफर की, कोई बिस्तर ला दो बे, मैं सोना चाहता हूं. ©®